[14/4/2022, 13:33] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को स्त्री कामुकता, काम वासना और भोग-विलास के लिए उत्तरदायी माना गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के शरीर के बालों का प्रतिनिधित्व शुक्र ग्रह करता है। कुंडली में यदि शुक्र ग्रह की स्थिति खराब होती है तो व्यक्ति को दांपत्य में होने वाली समस्याओं के साथ-साथ धन संबंधी समस्याएं भी उठानी पड़ती है। क्योंकि कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र ग्रह का व्यक्ति के दांपत्य जीवन के लिए उत्तरदायी सप्तम भाव और दूसरे भाव यानि धन भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
[14/4/2022, 13:33] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए बहुत जरूरी है कि व्यक्ति अपने शरीर के अनचाहे बालों को समय-समय पर हटाता रहे। इससे दांपत्य जीवन भी सुखमय रहेगा और जीवनसाथी का आपके प्रति लगाव भी कम नहीं होगा।
[14/4/2022, 13:34] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: कुंडली का भाव
कुंडली का सातवां भाव जीवनसाथी की सेहत, दांपत्य सुख और बिजनेस संबंध आपसी सांझेदारी को दर्शाता है, इसके अलावा स्त्री-पुरुष के जननांगों के विषय में भी बताता है।
व्यक्ति का आकर्षण व प्रभाव
शुक्र ग्रह से व्यक्ति का आकर्षण, मुख-मंडल का तेज आदि डील होता है, स्त्रियों का सौंदर्य और पुरुषों की भद्रता भी शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही संभव है।
शुक्र ग्रह को नीचा करते हैं दाढ़ी के बाल
[14/4/2022, 13:34] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: रावण संहिता और लाल किताब के अनुसार शरीर पर अनचाहे बालों का बढ़ना शुक्र ग्रह को नीचा करता है। इसी में शामिल है पुरुषों के चेहरे पर बढ़ने वाले दाढ़ी के बाल।
वैवाहिक जीवन के लिए है हानिकारक
ज्योतिषविदों के अनुसार चेहरे पर दाढ़ी का बढ़ना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है, जो वैवाहिक जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। शुक्र ग्रह का कमजोर होना या तो व्यक्ति को कामवासना से विरक्त कर देता है या फिर अत्यंत कामुक बना देता है। ऐसे ही जननांगों पर अनचाहे बालों का उगना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है।
[14/4/2022, 13:51] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र ग्रह का व्यक्ति के दांपत्य जीवन के लिए उत्तरदायी सप्तम भाव और दूसरे भाव यानि धन भाव का प्रतिनिधित्व करता है। कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र ग्रह का व्यक्ति के दांपत्य जीवन के लिए उत्तरदायी सप्तम भाव और दूसरे भाव यानि धन भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
कुंडली का सातवां भाव जीवनसाथी की सेहत, दांपत्य सुख और बिजनेस संबंध आपसी सांझेदारी को दर्शाता है, इसके अलावा स्त्री-पुरुष के जननांगों के विषय में भी बताता है।
[14/4/2022, 13:51] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: शुक्र ग्रह से व्यक्ति का आकर्षण, मुख-मंडल का तेज आदि डील होता है, स्त्रियों का सौंदर्य और पुरुषों की भद्रता भी शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही संभव है।
रावण संहिता और लाल किताब के अनुसार शरीर पर अनचाहे बालों का बढ़ना शुक्र ग्रह को नीचा करता है। इसी में शामिल है पुरुषों के चेहरे पर बढ़ने वाले दाढ़ी के बाल।
[14/4/2022, 13:52] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: ज्योतिषविदों के अनुसार चेहरे पर दाढ़ी का बढ़ना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है, जो वैवाहिक जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
[14/4/2022, 13:52] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: शुक्र ग्रह का कमजोर होना या तो व्यक्ति को कामवासना से विरक्त कर देता है या फिर अत्यंत कामुक बना देता है। ऐसे ही जननांगों पर अनचाहे बालों का उगना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है।
दाढ़ी बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिनों की बात करें तो इसके लिए उपयुक्त दिन शुक्रवार, सोमवार और बुधवार है।
इसीलिए दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए बहुत जरूरी है कि व्यक्ति अपने शरीर के अनचाहे बालों को समय-समय पर हटाता रहे। इससे दांपत्य जीवन भी सुखमय रहेगा और जीवनसाथी का आपके प्रति लगाव भी कम नहीं होगा।
[14/4/2022, 13:53] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: 1. लंबी दाढ़ी- इसमें गाल, हनु, ठोड़ी पर पूर्णत: केश होते हैं। यह लंबी, घनी तथा नीचे की ओर नुकीली होती है। ऐसे व्यक्तियों में दृढ़ विश्वास, सहनशील, गंभीरता, संयम, अध्ययन, मनन, चिंतन व सात्विक गुण होते हैं। यदि यह दाढ़ी अस्त-व्यस्त, बिखरी हुई हो तो व्यक्ति कट्टरपंथी, रूढ़ी, अंधविश्वासी होते हैं अथवा दार्शनिक या विचारक भी हो सकते हैं।
2. समभाजित दाढ़ी- उपरोक्त लंबी दाढ़ी यद नीचे की ओर दो समान भागों में विभाजित रहती है तो ऐसे व्यक्ति के मन एवं मस्तिष्क के विचारों के मध्य द्वंद्व चलता रहता है। वे कभी शांत तथा गंभीर तो कभी चंचल तथा अस्थिर होते हैं।
[14/4/2022, 13:53] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: . असमान दाढ़ी- यदि दाढ़ी असमान रूप से उगी हो अर्थात गाल एवं ठोढ़ी पर केश हों, हनु पर नहीं अथवा हनु व ठोड़ी पर केश हो, गाल पर नहीं तो वह असमान दाढ़ी कहलाती है। ऐसे व्यक्ति चंचल, उच्छृंखल, अविश्वस्त, धूर्त और कूटनीतिज्ञ होते हैं। इनका स्वभाव सबसे अलग होता है।
[14/4/2022, 13:54] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: . छोटी दाढ़ी- यदि दाढ़ी केवल ठोढ़ी पर ही प्राकृतिक रूप से उगी हो तो वह छोटी दाढ़ी कहलाती है। देखने में यह बकरे की दाढ़ी की जैसी लगती है। ऐसे व्यक्ति गुप्त विधाओं के प्रति एक अद्भुत झुकाव रखते हैं। ये जादू-टोना, तंत्र, भूत-प्रेत आदि रहस्यात्मक शास्त्रों के ज्ञाता हो सकते हैं।
5. आधुनिक दाढ़ी- इस प्रकार की दाढ़ी में फ्रेंच, रूसी आदि शैलियां आती हैं। ऐसे व्यक्ति नेता, चित्रकार, कवि, पत्रकार या अभिनेता हो सकते हैं।
मूंछें भी व्यक्ति के स्वभाव का प्रतिबिंब होती हैं।
1. राजसी मूंछें- नोकदार, लंबी, ऊपर की ओर उठी हुई मूंछें राजसी कहलाती हैं। उसे दरबारी मूंछ भी कहते हैं। ऐसे व्यक्ति साहसी, वीर तथा निडर होते हैं। वे क्रोध में आक्रामक होने में भी देर नहीं करते।
2. झुकी हुईं मूंछें- ये दोनों किनारों से नीचे की ओर झुकी हुई रहती हैं। ऐसे व्यक्तियों में विवेक, अवसरवादिता, सहनशीलता के साथ भीरूता भी रहती है।
3. राजपूती मूंछें- प्राय: इसे तलवार कट मूंछें भी कहते हैं। ऐसे व्यक्ति बाह्य दिखावा, परंतु भीतरी खोखलेपन वाले और अपनी संस्कृति से मोह रखने वाले होते हैं।
4. तितली मूंछें- नाक के ठीक नीचे व ऊपरी होंठ के मध्य में केशों का गुच्छा होता है, जो दूर से तितली जैसा लगता ह। ऐसे व्यक्ति में बुद्धि वाक् चातुर्य, सूझ-बूझ व समृद्धि होती है। इसके साथ ही भीरूता और चापलूसी के गुण भी होते हैं।
5. कटी मूंछें- इसमें मूंछों के केश करीने से कटे रहते हैं। ये आदर्श, सिद्धांत, त्याग व साहित्य प्रेम को दर्शाते हैं। जो व्यक्ति दाढ़ी-मूंछ नहीं रखते तथा नियमित रूप से शेव करते हैं, वे समय के पाबंद, मुंहफट व दिखावा पसंद होते हैं। दाढ़ी रखने वालों में क्लीन शेव वालों की अपेक्षा सहनशीलता भी अधिक होती है।
[14/4/2022, 13:55] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: जानते हैं किस प्रकार की दाढ़ी-मूंछ रखने वाले व्यक्ति के गुण-स्वभाव कैसा होता है-
जिन लोगों की दाढ़ी लंबी, घनी और नीचे की ओर से नुकीली होती है, उनमें दृढ़ विश्वास, सहनशीलता, गंभीरता, संयम, मनन, चिंतन व सात्विक जैसे गुण पाए जाते हैं। मगर वहीं अगर दाढ़ी अस्त-व्यस्त, बिखरी हुई होतो है वो कट्टरपंथी, रूढ़ी, अंधविश्वासी किस्म के होते हैं।
जिनकी दाढ़ी छोटी होती है यानि प्राकृतिक रूप से छोटी हाती है वे रचनात्मक कामों में दक्ष होते हैं। गुप्त विधाओं की ओर इनका अधिक रूझाव होता है। साथ ही ये लोग जादू-टोना, तंत्र, भूत-प्रेत आदि रहस्यात्मक शास्त्रों के ज्ञानी भी होते हैं।
समुद्र शास्त्र के अनुसार जिनकी दाढ़ी गाल और ठोढ़ी पर बाल हों और हनु पर ना हों या फिर हनु व ठोड़ी पर बाल हों, गाल पर न हो तो वह असमान दाढ़ी कहलाती है। इस प्रकार के व्यक्ति चंचल, उच्छृंखल, अविश्वस्त, धूर्त और कूटनीतिज्ञ प्रवृत्ति किस्म के होते हैं।
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फ्रेंच, रूसी आदि स्टाईलयश दाढ़ी वाले व्यक्ति नेता, चित्रकार, कवि, पत्रकार या अभिनेता हो सकते हैं।
जिनकी दाढ़ी दो समान भागों में विभाजित रहती है ऐसे व्यक्तियों के मन और मस्तिष्क के विचारों के मध्य द्वंद्व चलता रहता है। वे कभी शांत, गंभीर तो कभी चंचल और अस्थिर होते हैं।
[22/4/2022, 12:03] अगर आप फ्री की चाहत रखते हैं तो कृपया ऐसा विचार त्याग दें: वैसे तो ज्योतिष जगत में कई सारे माध्यम ऐसे हैं जिससे मानव की समस्याओं का सही आकलन करके उसका निराकरण किया जाता है जिसमें आजकल बहुत ही चर्चित विषय वस्तु पुरुषों का बाल और दाढ़ी बन गया है ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अगर देखा जाए तो स्पष्ट बताया गया है कि किसे दाढ़ी रखनी चाहिए और किसने नहीं,यह युं ही बता दिया गया है इसका भी बाकायदा गणित है जैसे यदि जन्म कुंडली में लग्न पर केतु का प्रभाव अथवा सिंह राशि में राहु केतु का विशेष प्रभाव हो ऐसे जातक को दाढ़ी रखनी चाहिए। दाढ़ी रखने का मतलब यह नहीं कि पूरी तरह से साधु-सन्यासी जैसा वेश भूषा बना लें हल्की दाढ़ी या फ्रेंचकट दाढ़ी रखने से भी लाभ मिलेगा। लेकिन जिन लोगों का शुक्र प्रबल है, उच्च अभिलाषी हैं और जिन्हें शुक्र के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं, और शुक्र की महादशा चल रही हो तो उन्हें दाढ़ी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि अगर ऐसे लोग दाढ़ी रखना शुरू कर देंगे तो शुक्र का असर धीरे-धीरे कम हो जाएगा और उन्हें हानि होने लगेगी। ज्योतिषीय गणना में शुक्र को शरीर पर अनपेक्षित बाल पसंद नहीं है। इसलिए शुक्र की महादशा में शुक्र को बलवान करने के लिए अपना चेहरा सुंदर रखें और दाढ़ी ना बढ़ाएं। इस स्थिति में दाढ़ी शुक्र संबंधी अच्छे प्रभावों में कमी आ सकती हैं।
हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि यथा संभव विवाहित पुरुष दाढ़ी ना रखें, जीवन में परेशानियों से करना पड़ सकता है क्योंकि विवाहित पुरुषों के लिए दाढ़ी करना काफी अशुभ माना जाता है लोगों में देखा देखी दाढ़ी रखने का फैशन चलन में है और हर पुरुष स्मार्ट दिखने के चक्कर में दाढ़ी बढ़ा ले रहा है लेकिन जो पुरुष दाढ़ी रखना अपनी प्राथमिकता बना चुके हैं चाहे वे विवाहित हो या अविवाहित उन्हें ये बात बता देना चाहते हैं की दाढ़ी रखना केवल तब तक सही है जब तक आप अविवाहित हो, विवाहित पुरुषों के लिए दाढ़ी रखना काफी अशुभ माना जाता है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाहित पुरुष अगर दाढ़ी रखते हैं तो वे स्वयं ही अपने दांपत्य जीवन में समस्या को पैदा करते हैं, यानी अपने दांपत्य जीवन को वे खुद ही खराब करते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को स्त्री कामुकता, काम वासना और भोग-विलास के लिए उत्तरदायी माना गया है जो कि व्यक्ति के शरीर के बालों का प्रतिनिधित्व शुक्र ग्रह करता है। कुंडली में यदि शुक्र ग्रह की स्थिति खराब होती है तो व्यक्ति को दांपत्य में होने वाली समस्याओं के साथ-साथ धन संबंधी समस्याएं भी उठानी पड़ती है। क्योंकि कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र ग्रह के व्यक्ति के दांपत्य जीवन के लिए उत्तरदायी सप्तम भाव और दूसरे भाव यानि धन भाव का प्रतिनिधित्व करता है।दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए बहुत जरूरी है कि व्यक्ति अपने शरीर के अनचाहे बालों को समय-समय पर हटाता रहे। इससे दांपत्य जीवन भी सुखमय रहेगा और जीवनसाथी का आपके प्रति लगाव भी कम नहीं होगा कुंडली का सातवां भाव जीवनसाथी की सेहत, दांपत्य सुख और बिजनेस संबंध आपसी सांझेदारी को दर्शाता है, इसके अलावा स्त्री-पुरुष के जननांगों के विषय में भी बताता है।व्यक्ति का आकर्षण व प्रभाव शुक्र ग्रह से व्यक्ति का आकर्षण, मुख-मंडल का तेज आदि डील होता है, स्त्रियों का सौंदर्य और पुरुषों की भद्रता भी शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही संभव है।
शुक्र ग्रह को नीचा करते हैं दाढ़ी के बाल
रावण संहिता और लाल किताब के अनुसार शरीर पर अनचाहे बालों का बढ़ना शुक्र ग्रह को नीचा करता है। इसी में शामिल है पुरुषों के चेहरे पर बढ़ने वाले दाढ़ी के बाल।
वैवाहिक जीवन के लिए है हानिकारक
ज्योतिषविदों के अनुसार चेहरे पर दाढ़ी का बढ़ना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है, जो वैवाहिक जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। शुक्र ग्रह का कमजोर होना या तो व्यक्ति को कामवासना से विरक्त कर देता है या फिर अत्यंत कामुक बना देता है। ऐसे ही जननांगों पर अनचाहे बालों का उगना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है।
कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र ग्रह का व्यक्ति के दांपत्य जीवन के लिए उत्तरदायी सप्तम भाव और दूसरे भाव यानि धन भाव का प्रतिनिधित्व करता है। कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र ग्रह का व्यक्ति के दांपत्य जीवन के लिए उत्तरदायी सप्तम भाव और दूसरे भाव यानि धन भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
कुंडली का सातवां भाव जीवनसाथी की सेहत, दांपत्य सुख और बिजनेस संबंध आपसी सांझेदारी को दर्शाता है, इसके अलावा स्त्री-पुरुष के जननांगों के विषय में भी बताता है।
शुक्र ग्रह से व्यक्ति का आकर्षण, मुख-मंडल का तेज आदि डील होता है, स्त्रियों का सौंदर्य और पुरुषों की भद्रता भी शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही संभव है।
रावण संहिता और लाल किताब के अनुसार शरीर पर अनचाहे बालों का बढ़ना शुक्र ग्रह को नीचा करता है। इसी में शामिल है पुरुषों के चेहरे पर बढ़ने वाले दाढ़ी के बाल।
ज्योतिषविदों के अनुसार चेहरे पर दाढ़ी का बढ़ना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है, जो वैवाहिक जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
शुक्र ग्रह का कमजोर होना या तो व्यक्ति को कामवासना से विरक्त कर देता है या फिर अत्यंत कामुक बना देता है। ऐसे ही जननांगों पर अनचाहे बालों का उगना शुक्र ग्रह को कमजोर करता है।
दाढ़ी बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिनों की बात करें तो इसके लिए उपयुक्त दिन शुक्रवार, सोमवार और बुधवार है।
इसीलिए दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए बहुत जरूरी है कि व्यक्ति अपने शरीर के अनचाहे बालों को समय-समय पर हटाता रहे। इससे दांपत्य जीवन भी सुखमय रहेगा और जीवनसाथी का आपके प्रति लगाव भी कम नहीं होगा।
1. लंबी दाढ़ी- इसमें गाल, हनु, ठोड़ी पर पूर्णत: केश होते हैं। यह लंबी, घनी तथा नीचे की ओर नुकीली होती है। ऐसे व्यक्तियों में दृढ़ विश्वास, सहनशील, गंभीरता, संयम, अध्ययन, मनन, चिंतन व सात्विक गुण होते हैं। यदि यह दाढ़ी अस्त-व्यस्त, बिखरी हुई हो तो व्यक्ति कट्टरपंथी, रूढ़ी, अंधविश्वासी होते हैं अथवा दार्शनिक या विचारक भी हो सकते हैं।
2. समभाजित दाढ़ी- उपरोक्त लंबी दाढ़ी यद नीचे की ओर दो समान भागों में विभाजित रहती है तो ऐसे व्यक्ति के मन एवं मस्तिष्क के विचारों के मध्य द्वंद्व चलता रहता है। वे कभी शांत तथा गंभीर तो कभी चंचल तथा अस्थिर होते हैं।
. असमान दाढ़ी- यदि दाढ़ी असमान रूप से उगी हो अर्थात गाल एवं ठोढ़ी पर केश हों, हनु पर नहीं अथवा हनु व ठोड़ी पर केश हो, गाल पर नहीं तो वह असमान दाढ़ी कहलाती है। ऐसे व्यक्ति चंचल, उच्छृंखल, अविश्वस्त, धूर्त और कूटनीतिज्ञ होते हैं। इनका स्वभाव सबसे अलग होता है।
. छोटी दाढ़ी- यदि दाढ़ी केवल ठोढ़ी पर ही प्राकृतिक रूप से उगी हो तो वह छोटी दाढ़ी कहलाती है। देखने में यह बकरे की दाढ़ी की जैसी लगती है। ऐसे व्यक्ति गुप्त विधाओं के प्रति एक अद्भुत झुकाव रखते हैं। ये जादू-टोना, तंत्र, भूत-प्रेत आदि रहस्यात्मक शास्त्रों के ज्ञाता हो सकते हैं।
5. आधुनिक दाढ़ी- इस प्रकार की दाढ़ी में फ्रेंच, रूसी आदि शैलियां आती हैं। ऐसे व्यक्ति नेता, चित्रकार, कवि, पत्रकार या अभिनेता हो सकते हैं।
मूंछें भी व्यक्ति के स्वभाव का प्रतिबिंब होती हैं।
1. राजसी मूंछें- नोकदार, लंबी, ऊपर की ओर उठी हुई मूंछें राजसी कहलाती हैं। उसे दरबारी मूंछ भी कहते हैं। ऐसे व्यक्ति साहसी, वीर तथा निडर होते हैं। वे क्रोध में आक्रामक होने में भी देर नहीं करते।
2. झुकी हुईं मूंछें- ये दोनों किनारों से नीचे की ओर झुकी हुई रहती हैं। ऐसे व्यक्तियों में विवेक, अवसरवादिता, सहनशीलता के साथ भीरूता भी रहती है।
3. राजपूती मूंछें- प्राय: इसे तलवार कट मूंछें भी कहते हैं। ऐसे व्यक्ति बाह्य दिखावा, परंतु भीतरी खोखलेपन वाले और अपनी संस्कृति से मोह रखने वाले होते हैं।
4. तितली मूंछें- नाक के ठीक नीचे व ऊपरी होंठ के मध्य में केशों का गुच्छा होता है, जो दूर से तितली जैसा लगता ह। ऐसे व्यक्ति में बुद्धि वाक् चातुर्य, सूझ-बूझ व समृद्धि होती है। इसके साथ ही भीरूता और चापलूसी के गुण भी होते हैं।
5. कटी मूंछें- इसमें मूंछों के केश करीने से कटे रहते हैं। ये आदर्श, सिद्धांत, त्याग व साहित्य प्रेम को दर्शाते हैं। जो व्यक्ति दाढ़ी-मूंछ नहीं रखते तथा नियमित रूप से शेव करते हैं, वे समय के पाबंद, मुंहफट व दिखावा पसंद होते हैं। दाढ़ी रखने वालों में क्लीन शेव वालों की अपेक्षा सहनशीलता भी अधिक होती है
जानते हैं किस प्रकार की दाढ़ी-मूंछ रखने वाले व्यक्ति के गुण-स्वभाव कैसा होता है-
जिन लोगों की दाढ़ी लंबी, घनी और नीचे की ओर से नुकीली होती है, उनमें दृढ़ विश्वास, सहनशीलता, गंभीरता, संयम, मनन, चिंतन व सात्विक जैसे गुण पाए जाते हैं। मगर वहीं अगर दाढ़ी अस्त-व्यस्त, बिखरी हुई होतो है वो कट्टरपंथी, रूढ़ी, अंधविश्वासी किस्म के होते हैं।
जिनकी दाढ़ी छोटी होती है यानि प्राकृतिक रूप से छोटी हाती है वे रचनात्मक कामों में दक्ष होते हैं। गुप्त विधाओं की ओर इनका अधिक रूझाव होता है। साथ ही ये लोग जादू-टोना, तंत्र, भूत-प्रेत आदि रहस्यात्मक शास्त्रों के ज्ञानी भी होते हैं।
समुद्र शास्त्र के अनुसार जिनकी दाढ़ी गाल और ठोढ़ी पर बाल हों और हनु पर ना हों या फिर हनु व ठोड़ी पर बाल हों, गाल पर न हो तो वह असमान दाढ़ी कहलाती है। इस प्रकार के व्यक्ति चंचल, उच्छृंखल, अविश्वस्त, धूर्त और कूटनीतिज्ञ प्रवृत्ति किस्म के होते हैं।
अगर आप हो रहे हैं गंजे तो ये देखना न भूलें ! (VIDEO)
फ्रेंच, रूसी आदि स्टाईलयश दाढ़ी वाले व्यक्ति नेता, चित्रकार, कवि, पत्रकार या अभिनेता हो सकते हैं।
जिनकी दाढ़ी दो समान भागों में विभाजित रहती है ऐसे व्यक्तियों के मन और मस्तिष्क के विचारों के मध्य द्वंद्व चलता रहता है। वे कभी शांत, गंभीर तो कभी चंचल और अस्थिर होते हैं।
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